The Contentment Habit


       THE CONTENTMENT HABIT :

मैं स्वीकार करूँगा कि मैं भी यह उतना ही करता हूँ जितना दूसरे करते हैं :
जो cool type की चीजें दूसरे लोग कर रहे हैं उन्हें देखता हूँ और सोचता हूँ कि मैं भी कुछ ऐसी ही अच्छी चीज कर रहा होता हूँ ।

आप Instagram और कई social media में बहुत बढ़िया travelling फोटो देखेंगे, लोग amazing life जी रहे हैं , cool things कर रहे हैं , adventures पर जा रहे हैं और तुरंत, एक विचार आएगा कि आपको भी better life जीना चाहिये ।

लेकिन ये गलत आदत है ; यह इस एहसास की ओर ले जाता है कि आपकी life पर्याप्त अच्छी नहीं है , या आप ज्यादा अच्छे हालात में नहीं है ।
और ये आदत, खत्म नहीं होती : यदि आप अच्छी life जी रहे हैं तो भी आप हमेशा feel करेंगे कि आप को और करना चाहिए , और party करना चाहिये , ज्यादा creat करना चाहिये , ज्यादा learn करना चाहिये , ज्यादा read करना चाहिये , ज्यादा travel करना चाहिए . आप संभवतः ये सारे नहीं कर सकते , लेकिन आप हमेशा ये इच्छा करेंगे कि आप करते ।

इसीलिए अच्छी आदत क्या है ?
संतुष्ट रहने की आदत ।
मैं जो सीख रहा था कि खुशियाँ , संतुष्टि और महानता कहीं बाहर नहीं है , यह वहाँ नहीं है जहाँ सभी हैं बल्कि यह ऐसा प्रतीत होता है । आप अपना सारा जीवन इन खुशियों , संतोष , सपने ,महानता और शांति को पाने में लगा सकते हैं और उस तक कभी नहीं पहुँच पाते । ऐसा इसलिए क्योंकि ये सब चीजें ठीक वहीं है जहाँ आप अभी हैं ।

इस बारे में बात करने से पहले , चलिये उन आदतों की ओर नज़र डालते हैं जो हममें से अधिकतर लोगों की होती हैं ।

> The Discontentment Habits :
   असंतुष्ट रहने की आदतें :

यदि ये आदतें familiar लगती हैं तो मुझे बताइये :

आप लोगों को बढ़िया चीजें करते हुए देखते हैं , यात्राएँ करते हुए , मजे करते हुए और इच्छा करते हैं कि आप भी कुछ इसी तरह का कर रहे होते । ये कभी समाप्त नहीं होता , क्योंकि ये मतलब नहीं रखता कि आप कितना करते हो , यहाँ हमेशा ही दूसरे लोग रहेंगे जो तब भी और ज्यादा चीजें करते रहेंगे जो वाकई cool दिखती हैं ।
अतः आप मौज-मस्ती और उपलब्धि के शिखर तक कभी नहीं पहुँचेंगे ।
आप अपनी तरफ देखते हैं और सोचते हैं कि आप improve कर सकते हैं — और fit हो सकते हैं , और दुबले हो सकते हैं , और सीख सकते हैं , और शांत बन सकते हैं , और खुशी हासिल कर सकते हैं तथा और productive हो सकते हैं । ये ' और ' कभी खत्म नहीं होता , क्योंकि भले ही आप स्वयं को improve करने में आश्चर्य जनक रूप से लग जाएँ , आप कभी perfect नहीं होंगे और हमेशा कुछ न कुछ और improve करने को रह जायेगा ।

इसीलिये हम कभी संतुष्ट नहीं होंगे , और उसके बाद हम मर जाएँगे ।

आप ऐसा महसूस करते हैं कि आप ज्यादा कर पा रहे थे । आप चारों ओर भाग रहे हैं , बहुत सारा कर रहे हैं , लेकिन हमेशा यह भावना रहेगी कि आप और ज्यादा कर रहे होते । ये कभी खत्म नहीं होता क्योंकि हमेशा आप और ज्यादा कर सकते थे । आप कभी भी सबकुछ नहीं कर सकते , अतः यहाँ हमेशा ही आप जो नहीं कर रहे हैं वो , जो कर रहे हैं उससे ज्यादा रहता है क्योंकि आप दूसरों की समीक्षा करते हैं उन चीजों के लिए जो वे नहीं कर रहे हैं । आपके बच्चे , आपके दोस्त ,आपका परिवार ...
ये सभी कुछ ऐसे काम कर रहे हैं जिसे आप सोचते हैं कि नहीं करना चाहिये या फिर हो सकता है कि वे ऐसे काम नहीं कर रहे हैं जिन्हें आप सोचते हैं करना चाहिये । दूसरों की आलोचना करने में कोई खुशी नहीं है , क्योंकि जब आप दूसरों से satisfied नहीं होते तो अपनी life से भी satisfy नहीं होते ।

• यदि आप स्वयं को इनमें से कुछ चीजें करते हुए पाएँगे - और मैं $1,000 की शर्त लगा सकता हूँ कि आप realize करने से ज्यादा इन्हें और करेंगे - तब यह सही समय है इस बारे में सोचने के लिये कि ये आदत कभी खत्म होगी कि नहीं , और ये क्या खुशियाँ लाएँगी ?

दोनो प्रश्नों का ऊत्तर है नहीं - इन आदतों की कोई समाप्ति नहीं है और न ही ये खुशी और संतुष्टि ला पाती हैं ।

     THE CONTENTMENT HABITS :
      संतुष्ट रहने की आदतें :

    दिनभर अपनी  feelings और thoughts के प्रति सावधान हो कर के आप अपने आपको उन असंतुष्टिकारक आदतों को करते हुए पाते हैं , … बजाय इसके ये try करें :

खुशियाँ पाने के लिये कहीं और देखना बंद कीजिए -
उसमें - जो दूसरे कर रहे हैं , जो आपको करना चाहिये , जो दूसरों को करना चाहिये  लेकिन नहीं कर रहे हैं, जो आपको improve करना चाहिये . खुशियाँ और संतुष्टि कहीं बाहर नहीं है ।
बल्कि , वहाँ मुड़िये जहाँ आप ठीक इस क्षण हैं  । ठहरिये और अपने शरीर को , साँसो को और सभी इन्द्रियों को जो आपके पास है , महसूस कीजिये । देखिए यदि आप ध्यान देना चालू करें तो ये एक क्षण कितना ज्यादा शामिल करता है जिसका आप विचार ही नहीं करते ।

Realize कीजिये कि यह क्षण enough है ।
आपके चारों ओर , right now , ये क्षण उतना ही विशेष है जितनी कोई भी प्रायः आपके दिमाग में आने वाली संभावना जैसे आपको और करना चाहिये था या आपको यहाँ होना चाहिये था । ये आदर्श अनुभव उतने higher quality के नहीं है जितने आपके right now के अनुभव हैं ।
इस क्षण में अद्भुतता देखिये । ठीक वहीं जहाँ आप right now हैं ।
अपने चारों तरफ की और अपने अंदर की अच्छी चीजों को Notice कीजिये ।
जैसे आप पहली बार इसे देख रहे हों । अपने शरीर , दिमाग और वातावरण के चमत्कार को Notice कीजिये । ये सब कहाँ से आया ? जो निर्माण आपके अंदर से हो रहा है या जो प्रकृति आपके अंदर है , ऐसे ही जादुई तरीके से प्रकट नहीं हो गया —  ये वैसा ही है जैसे कि दुनिया ने इस क्षण को घटित होने के लिए साजिश की और आप यहाँ इसके गवाह बनने के लिए लाए गये हैं । ये  Awesome है !
ये है Contentment habit ,
और आप इसे कभी भी कर सकते हैं , कहीं भी , इससे मतलब नहीं कि आप क्या कर रहे हैं या कौन आपके साथ है । ये free है , हमेशा available उपलब्ध है , हमेशा चमत्कारी है , और यह कभी खत्म नहीं होगी .

From" ZEN HABITS "by LEO BABAUTA.

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