About Shiv Khera author of you can win


“Winners don’t do different things, they do things differently” की ट्रेडमार्क लाइन से famous हो चुके Motivational Guru (Shiv Khera) शिव खेडा ऐसे इंडियन ऑथर है, जिनकी सेल्फहेल्प बुक्स ने दुनियाभर के लोगों को positive attitude रखने के लिए inspire किया है | इन्टरनेट में हर रोज उनके बारे में मिलियन सर्च होते हैं, न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में “शिव खेरा” के फैन्स और फोलोवेर्स हैं |



शिव खेडा एक जानेमाने ऑथर, मोटिवेशनल स्पीकर, सक्सेसफुल इंटरप्रेन्योर और एक्टिविस्ट हैं |  उनकी लिखी हुयी बुक जीत आपकी (You Can Win) दुनिया की बेस्ट Motivational Books में से एक है |
“शिव खेरा” ने लाइफ में कठिन संघर्ष करके अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है, आईये जानते हैं उनकी लाइफ story शुरू से ------
शिव खेडा का जन्म 23 अगस्त 1961 को झारखण्ड के शहर धनबाद में हुआ था | इनके पिता का कोयले(कोल-माइंस) का बिजनेस था | लेकिन कुछ समय बाद इंडियन गवर्नमेंट ने कोयले(कोल-माइंस) का nationalisation कर दिया, इस वजह से इनके परिवार को काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ा | शिव खेडा ने अपनी Schooling एक गवर्नमेंट स्कूल से पूरी की, हालाँकि शुरुवाती दिनों में वह पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं थे और दसवी में एक बार फेल भी हुए लेकिन उसके बाद हायर सेकंड्री में वो फर्स्ट डिवीज़न से पास हुए | हायर सेकंड्री के बाद शिव खेडा ने बिहार के एक डिग्री कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया |
कुछ पर्सनल कारणों से शिव खेडा को भारत से कनाडा शिफ्ट होना पड़ा |  जहाँ पर उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा | कैरिएर की शुरुवात में उन्हें कार धोने के काम से की इसके बाद इन्सुरेंस बेंचने का काम भी किया | एक शॉप में फ्रेंचाइजी ओप्रेटर बने और सेल्स मैन के रूप में उन्हेने वैक्यूम क्लीनर बेचने का काम किया | जीवन में आने वाले इन्हीं संघर्षों ने शिव खेडा के व्यक्तित्व को पूरी तरह से बदल कर रखा दिया था |
कुछ सालों बाद वह कनाडा से अमेरिका चले गये | अमेरिका में शिव खेडा को ग्रेट मोटिवेशनल स्पीकर “नार्मन विन्सेंट पेअले” को सुनने मौका मिला | नार्मन विन्सेंट पेअले को सुनने के बाद शिव खेडा उनके स्पीच से बहुत प्रभावित हुए और उनसे inspire होकर उन्होंने मोटिवेशनल स्पीकर बनने का निश्चय किया | एक बार शुरुवात करने के बाद, मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में  धीरेधीरे शिव खेडा ने इस field में अपनी जगह बनानी शुरू कर दी | इसके बाद कई बिज़नेस फिर्म्स के साथ एडवाइजर के तौर पर काम करते हुए, उन्होंने कई लोगों को personal development के लिए inspire और motivate किया |
जब वे motivational speaker के तौर पर पर फेमस होने लगे तो उन्होंने अमेरिका में ही “Qualified Learning Systems” नाम की एक कम्पनी शुरू की | शिव खेडा खुद इस कंपनी के सीईओ हैं और आज इस कंपनी की ब्रान्चेस भारत सहित दूसरे 17 देशों में फ़ैली हैं | यह कंपनी लोगों को motivate और encourage करती है |
शिव खेडा और उनकी कम्पनी ने करोड़ों लोगों का पर्सनल डेवलपमेंट कर उन्हें सफलता की राह दिखाई है | उनके कंपनी लोगों एवं संस्थाओं को पाजिटिविटी डेवलपमेंट के लिए कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रोवाइड करती है | उनके क्लाइंट्स में Lufthansa, IBM, HP, Citigroup, HSBC, Canon, Nestle, Philips, Mercedes Benz, Johnson & Johnson जैसी कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं |
1998 में, खेड़ा ने अपनी पहली पुस्तक “यू कैन विन” पब्लिश की, जिसमें पर्सनल development और positive attitude के माध्यम से सफलता प्राप्त करने पर फोकस किया गया था । इस बुक को 16 अलग-अलग लैंग्वेजेज में वर्ल्डवाइड पब्लिश किया गया था | हिंदी में “जीत आपकी” नाम से पब्लिश इस बुक की करीब 2.8 मिलियन से भी ज्यादा कोपिस बेचीं गई | इस बुक ने ने लाखों लोगों का सफल मार्ग दर्शन किया है उनकी यह बुक मोटिवेशन और सेल्फ हेल्प पर लिखी गयी दुनिया की बेस्ट motivational books में से एक है जिसने कई लोगो को motivate किया है |  इस पुस्तक के लिए शिव खेडा को कई सारे पुरस्कार भी मिले और उन्होंने इंटरनेशनल बेस्टसेलर का वर्ल्ड record भी बनाया |
इस पुस्तक के आलावा शिव खेडा ने कुल 16 पुस्तकें लिखी हैं जिनमे से यू कैन सेल”, “लिविंग विथ ऑनर”, “फ्रीडम इस नाट फ्रीप्रमुख पुस्तकें हैं शिव खेरा कई टीवी और radio के शोज में भी देखे जा चुके हैं | Personal Life की बात की जाये तो उनकी शादी बहुत जल्दी 23 की उम्र में हो गई थी, उनकी wife ने उनका बहुत सपोर्ट किया | उनकी एक बेटी हैं |
शिव खेरा एक एक्टिविस्ट (कार्यकर्ता) भी हैं,  उन्होंने भारत में जाति आधारित आरक्षण (caste based reservation) के खिलाफ एक आंदोलन (movement) चलाया और “कंट्री फर्स्ट फाउंडेशन” नाम के आर्गेनाइजेशन की स्थापना की, इसके साथ ही उन्होंने “भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी” की स्थापना की। 2004 में, वे भारत के आम चुनाव में साउथ दिल्ली के निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए लेकिन यहाँ उनके हाथ असफलता लगी । उन्होंने भारतीय सुप्रीम कोर्ट में कई पब्लिक इंटरेस्ट के दावे भी दायर किए और देश के 2009 के आम चुनाव में चुनाव लड़ा मगर यहाँ भी जीत नही मिल सकी |
तो क्या हुआ अगर चुनाव में उन्हें जीत नही मिली, शिव खेरा अपने लेखन और मोटिवेशन से दुनियाभर के लोगों का दिल जीत चुके है |||


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