ईश्वर की दया

मैंने भगवान से माँगी ' शक्ति ' 
मुझे मिली कठिनाइयाँ, हिम्मत बढ़ाने के लिए
मैंने भगवान से माँगी ' बुद्धि '
मुझे मिली उलझनें, सुलझाने के लिए
मैंने भगवान से माँगी ' समृद्धि '
मुझे मिली समझ, काम करने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' प्रेम '
मुझे मिले दुःखी लोग, मदद करने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' साहस '
मुझे मिले कष्ट, उबर पाने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' वरदान '
मुझे मिले अवसर, कोशिश करने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' धैर्य '
मुझे मिली संतुष्टि, शांत रहने के लिए । 

" वो मुझे नहीं मिला जो मैंने माँगा था,
मुझे वो मिला जो मुझे चाहिए था "

ईश्वर हर दिन व्यक्ति की इच्छा पूरी करता है
गलतियों की सजा और अच्छाई का पुरस्कार देता है ; यही ईश्वर की  दया है । 




This Poem is written by my sister " Ruchika Mourya "
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8 comments

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July 31, 2017 at 6:49 PM delete

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 01 अगस्त 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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Ritika Mourya
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July 31, 2017 at 8:23 PM delete

अवश्य ! धन्यवाद !

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Sweta sinha
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August 1, 2017 at 7:06 AM delete

बहुत सुंदर रचना 👌

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Sudha Devrani
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August 1, 2017 at 1:03 PM delete

बहुत सुन्दर सीख देती रचना...

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iBlogger
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August 1, 2017 at 2:55 PM delete

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Ritika Mourya
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August 2, 2017 at 5:02 PM delete

आपके आमंत्रण के लिए धन्यवाद !

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