जीवन की इस तपन-स्थली में,
एक शीतल सा झरना माँ ...
कठिनाइयों की वन-व्यापी में,
एक सुरक्षित स्थल माँ ...
जब आँखों से बहते आँसू, मीठी सी मुस्कान है माँ ...
जब आँखों से बहते आँसू, मीठी सी मुस्कान है माँ ...
मन के इस साज की,
मीठी-सी झंकार है माँ ...
जब कभी हम गिर जाएँ, गोद उठा दुलारती माँ ...
खुद कष्ट सहकर है रहती,
पर हमको है सँवारती माँ...
तूफानों के इस लोक में, ठंडी हवा की बयार है माँ ...
तूफानों के इस लोक में, ठंडी हवा की बयार है माँ ...
भगवान को तो कभी देखा नहीं,भगवान का अवतार है माँ ...
सवालों में उलझा जब मन हो, हर सवाल का जवाब है माँ ...
दर्द हो रहा हो गर बच्चे को,
मन की पहली पुकार है माँ ...
जन्म लेना तो एक संयोग है,
ईश्वर का उपहार है माँ ...
- By Ruchika Mourya (Writer of this Poem)
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