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दो कविताएँ

दो कविताएँ

( 1 ) तस्वीर » दुनिया एक कैनवास बड़ा , और सपनों के रंग दिमाग का ये पेंट ब्रश , मन की पेन्सिल के संग । बिखेर दूं सारे रंग यहाँ कि स...
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मैं मनुष्य की मूर्ति बनाता

मैं मनुष्य की मूर्ति बनाता

            कविता - मनुष्य  की  मूर्ति  < ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ > देवलोक  से  मिट्टी  लाकर मैं  मनुष्य  की  मूर्ति  बनात...
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TRY AGAIN BECAUSE ...

TRY AGAIN BECAUSE ...

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ▶ लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती , कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती । नन्हीं चींटी जब दा...
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