एक भी आँसू न कर बेकार जाने कब समंदर मांगने आ जाए! पास प्यासे के कुआँ आता नहीं है, यह कहावत है, अमरवाणी नहीं है, ...
Read More
Showing posts with label Hindi poem. Show all posts
Showing posts with label Hindi poem. Show all posts
हमारी हिंदी
(1) मन के धन वे भाव हमारे हैं खरे। जोड़ जोड़ कर जिन्हें पूर्वजों ने भरे ।। उस भाषा में जो हैं इस स्थान की। उस हिंदी में जो हैं हिन्...
Read More
फूल और काँटा/हिंदी कविता
फूल और काँटा / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ - एक दुसरे का हिस्सा होते हुए फूल और कांटे, एक दूसरे से कितने अलग होते हैं , पढ़िए ये beautif...
Read More
पक्षी और बादल - कविता/दिनकर
पक्षी और बादल, ये भगवान के डाकिए हैं जो एक महादेश से दूसरें महादेश को जाते हैं। हम तो समझ नहीं पाते हैं मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ पेड़,...
Read More
हो गई है पीर पर्वत-सी
हो गई है पीर पर्वत-सी / दुष्यंत कुमार - दुखों और पीड़ाओं से जब हमारा मन भर जाता है और सहनशक्ति की हद हो जाती है तब आखिरकार वह पुका...
Read More
Subscribe to:
Posts (Atom)