क्रोध पर कथन

दुःख या पीड़ा होने पर जो स्वभाविक प्रतिक्रिया होती है वह क्रोध है । इसके द्वारा हम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं । क्रोध अथवा गुस्से की भावना तब और तीव्र होती है जब किसी ने आपको चोट पहुँचाई हो वो भी जानबूझकर अथवा धोखे-से भी । कभी-कभी हमारा गुस्सा प्राकृतिक परिस्थितियों अथवा जिन पर हमारा कोई वश नहीं है ऐसी चीजों पर भी होता है । इसलिए इसे अपने नियंत्रण में रखना चाहिए ।

क्रोध यदि अधिक दिन तक रह जाए तो वह बैर का रूप धारण कर लेता है । क्रोध एक पूर्ण भाव है और चिड़चिड़ाना , झुँझलाना आदि उसके प्रभाव हैं । गुस्सा लगभग सभी को आता है इसलिए यह असामान्य नहीं लगता । 
कई लोग मानते हैं कि क्रोध में कई बार कुछ अच्छे काम हो जाते हैं ; हो सकता है । परन्तु मैंने अपने जीवन में क्रोध द्वारा कुछ बनते नहीं देखा है बल्कि बिगड़ते हुए ही पाया है ।
बात चाहे जो भी हो , क्रोध कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता , न ही क्रोधपूर्ण व्यवहार ।
आखिर है तो यह अवगुण ही । क्रोध करना छोड़ देने के इतने कारण हैं कि बताए नहीं जा सकते , जो रोजमर्रा में तो आप देखते ही होंगे । अतः आज और अभी से क्रोध त्याग दीजिए और इसमें आपको अपनी मदद खुद करनी होगी !
कैसे - :
देखा जाए , तो इसके लिए बहुत-से उपाय हो सकते हैं जैसे - मनोवैज्ञानिक तरीके, Deep-Breathing, Congnitive Approach, योग, Meditation आदि । लेकिन इन सबको पढ़ने के बाद यदि मैं आपको कोई एक सबसे बेहतर तरीका सुझाऊँ या फिर कह लीजिए कि सभी उपायों का सार बताऊँ...
तो वह है - ढृढ़ संकल्प , आत्म-विश्वास और आत्मानुशासन यानि SELF-CONTROL .

क्रोध पर विजय पाने का तरीका कोई भी हो लेकिन जब तक आप उसके लिए प्रतिबद्ध नही हैं , ढ़ृढ़ संकल्पित नहीं हैं और खुद से कोशिश भी नहीं कर रहे हैं तो फिर सफल होना मुश्किल होगा । कोई भी अवगुण छोड़ने के लिए हमें खुद को संयम में रखना होगा और पक्का निश्चय करना होगा क्योंकि यह हमारे लिए और कोई नहीं कर सकता ।
अंततः बदलने की शुरूआत और प्रयत्न आपको ही करना पड़ेगा ।  
READ POST : अपनी मदद खुद करें

यहाँ कुछ कथन दिए गए हैं जो क्रोध की आदत कम करने में सहायक हैं ये Quotes मैंने COOLNSMART से अनुवाद किए हैं । निश्चित ही ये आपको गुस्से का परिणाम समझा देंगे - :

1● जो आपको क्रोध दिलाता है वह आपको नियंत्रित करता है अतः यह ताकत किसी को मत दीजिए , विशेषकर उसे तो कभी नहीं जिसने ऐसा जानबूझकर कर किया है ।

2● अपने अस्थायी गुस्से में कोई स्थायी मूर्खता मत कीजिए ।

3● यदि आप दुनिया को जीतने की इच्छा रखते हैं तो पहले अपने गुस्से को जीतिए ।

4● यदि आप पहली बार असफल रहे तो फिर से कोशिश कीजिए ।

5● Anger और Danger में बस थोड़ा ही अंतर है ; सावधान रहिए ।

6● उस बात को कभी मत भूलिए जब किसी ने क्रोध में आपको कुछ कहा हो , क्योंकि क्रोध में ही सत्य सामने आ जाता है ।

7● एक अस्पष्ट व्यक्तित्व की कमजोरी होती है - क्रोध ।

8●Angry होने के लिए काफी Energy लगानी पड़ती है और उसे बनाए रखने के लिए दोगुनी , अतः एक पुल बनाइए और इससे पार हो जाइए ।

9● मैं यहाँ क्रोधित बैठा हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ कि इस समय मेरे द्वारा किए गए किसी भी क्रोधपूर्ण व्यवहार का परिणाम , तुमसे ज्यादा चोट मुझे ही पहुँचाएगा ।

10● अपने क्रोध को बाहर निकालो , बस लोगों पर मत निकालो ।

11● अतीत का जितना गुस्सा आप अपने दिल पर रखेंगे उतना ही कम प्रेम वर्तमान में कर पाएँगे ।

12● क्रोध एक ऐसा अनुभव है जिसमें आपका मुँह दिमाग से ज्यादा तेजी से काम करता है ।

13● क्रोधित रहना इस प्रकार है जैसे जहर आपने पिया हो लेकिन मरने की उम्मीद किसी और की कर रहे हों ।

14● जब आप गुस्से में हों तो सबसे बुद्धिमानी का काम है - शांत रहना ।

15● क्रोध आपको भटकाता है ।

16● गुस्से में कभी कुछ मत करो अन्यथा सबकुछ गलत हो जाएगा ।

17● जिसकी शुरूआत गुस्से में होती है उसका अंत शर्म पर होता है ।

18● क्रोध में कोई जवाब मत दो ।
खुशी में कोई वादा मत करो ।
दुखी होकर कोई निर्णय मत लो ।

19● मुझमें बात-बात पर क्रोधित होने की आदत नहीं है ; मेरे पास बस मूर्खता , अपरिपक्वता और अज्ञानता के प्रति थोड़ी सहनशीलता है ।

20● कोई आपको गुस्सा नहीं दिलाता , आप ही गुस्से को प्रतिक्रिया के रूप में चुनते हैं ।
गुस्से में कुछ मत बोलो , शांत हो जाने पर आपको पछताना नहीं पड़ेगा ।

21● जब आप गुस्से में होते हैं , आपकी बोलने की गति अजीब तरीके से बढ़ जाती है ।

22● बड़े-बड़े सज्जन व महापुरूष भी अपनी मर्यादा निर्धारित करते हैं ।

23● क्रोध सुधारने से ज्यादा बिगाड़ता ही है ।

24● नर्क के तीन द्वार हैं - काम , क्रोध और लोभ ।

25● एक अच्छा योद्धा भी कभी क्रोधित नहीं होता ।

26● क्रोध कभी कुछ ठीक नहीं करता , कुछ नहीं बनाता बल्कि सबकुछ नष्ट कर सकता है ।

27● स्वयं पर नियंत्रण खोने में क्रोध सहायक है ।

28● ईर्ष्या क्रोध पैदा करती है और क्रोध एक बहुत बड़ा दुश्मन है जो आपके निर्णयों और अंततः आपकी नियति को प्रभावित करता है ।

29● क्रोध का प्रत्युत्तर देने का मौन ही सबसे अच्छा तरीका होता है ।

30● ताकतवर व्यक्ति केवल शरीर से बलवान मनुष्य ही नहीं होता बल्कि ताकतवर वह है जो हर समय खुद पर नियंत्रण रखता है ।

31● किसी भी चीज का अनुमान मत लगाओ गलतफहमी से ज्यादा परेशानी में आपको और कोई नहीं डालता, हर चीज के दो पक्ष होते हैं ।

32● खराब मनःस्थिति में खराब शब्दों को मत मिलाओ । मनःस्थिति बदलने के लिए आपके पास कई अवसर होंगे परन्तु शब्द बदलने के लिए कोई मौका नहीं मिलेगा ।

33● क्रोध के बाद की शर्मिंदगी का अनुभव सबसे कटु होता है जितना किसी ने अनुभव किया होगा ।

34● Angry? बोलने से पहले एक गहरी साँस लीजिए क्योंकि गुस्से में आपका मुँह आपके दिमाग से ज्यादा तेजी से चल सकता है ।

35● क्रोध के एक क्षण में , धैर्य का एक क्षण पछतावे के कई क्षणों से बचा लेता है ।

36● क्रोध , हमारे दुख के प्रति स्वाभाविक बचाव है इसलिए जब मैं कहूँ - " मुझे तुमसे नफरत है " तो इसका वास्तविक मतलब होगा - " तुमने मुझे दुख पहुँचाया है । "

37● जब आप किसी से पूछते हैं कि क्या आपने over react किया तब आपका दिल आपके दिमाग से कह रहा होता है कि यह एक मूर्खतापूर्ण कृत्य था ।

38● वैर , क्रोध का अचार या मुरब्बा है ।

39● क्रोध करना , जलते हुए अंगारे को दूसरों पर फेंकने के इरादे से , अपने हाथ में लिए रहना है । यह खुद को नुकसान पहुँचाता है ।

40● विपत्ति में समुद्र भी अपनी सीमाएँ तोड़ सकता है किन्तु श्रेष्ठ व्यक्ति अपना धैर्य कभी  नहीं छोड़ते ।

Related post- क्रोध और शांति
Tags : Anger quotes in hindi,How to control anger,Gussa kam kare .

Previous
Next Post »