स्वभाव और व्यवहार

किसी व्यक्ति के स्वभाव के बारे में आप कैसे जानेंगे ? कौन कैसा है , उसकी क्या आदतें है , उसका मूल स्वभाव क्या है ? आप किसी से कैसा व्यवहार करें ?

ज्यादातर ; हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि लोगों के साथ हमारा व्यवहार कैसा होता है । न ही इस बारे में कुछ निर्धारित करते हैं । हमारा बर्ताव बस यूँ ही चलता रहता है ।
ऐसे में यदि हम आपसी व्यवहार करने से पहले थोड़ा सोच समझ लें तो हो सकता है कि हमारी रोजमर्रा की व्यवहारिक समस्याएँ खत्म हो जाएँ और हमारी सबसे ठीकठाक बन सके । स्पष्ट है , आज की पोस्ट का उद्देश्य है -
व्यवहार में स्वभाव की भूमिका जानना । साथ ही , सही व्यवहार का महत्व और गलत व्यवहार से बचने का तरीका खोजना ।

किसी से बेहतर बर्ताव करने के लिए उसका मूल स्वभाव जानना जरूरी होता है । क्योंकि , हम सब का रोजमर्रा के कामों में या कहीं आते-जाते समय , कई प्रकार के लोगों से सामना होता है । समाज में अलग-अलग तरह के लोग होते हैं जिनसे हमें व्यवहार करना होता है या सामना करना पड़ता है ।
तो , जाहिर सी बात है कि यदि हमें सामने वाले व्यक्ति के बारे में , उसके स्वभाव के बारे में जितना ज्यादा या ठीकठाक मालूम होगा , उसके साथ व्यवहार उतना आदर्श होगा , यहाँ आदर्श से मतलब है जैसा होना चाहिए ।

हम यहाँ ' आदर्श व्यवहार ' की बात क्यों कर रहे हैं ?
क्योंकि बहुत से झगड़े या मनमुटाव केवल कुछ गलतफहमियों की वजह से ही होते हैं ।
इसे हम ' miscommunication ' भी कह सकते हैं । हमारे व्यवहार या बातों का गलत मतलब निकलने से होने वाले मनमुटाव वास्तव में होते ही नहीं है बस एक-दूसरे के मन में रहा करते हैं ।
चूँकि communication में बातचीत और व्यवहार दोनों शामिल होते हैं इसलिए यह सब miscommunication के कारण होता है । इतना भूलभुलैया केवल सामने वाले को गलत समझने के कारण हुआ । इस स्थिति में सुलझाव करना मुश्किल होता है क्योंकि न ही पहला व्यक्ति गलत था न ही दूसरा ; ये तो बस एक-दूसरे की बातों का गलत मतलब लेने के कारण हुआ ।
अब यदि हम लोगों से व्यवहार या बातचीत करते वक्त थोड़ा सावधान रहेंगे और एक  possibly best communication  करने की कोशिश करेंगे तो शायद हमारा रोज का behavioural problem कम हो और जिंदगी की उलझनें थोड़ी आसान हो जाएँ।

अब प्रश्न यह उठता है कि - हम लोगों से कैसा व्यवहार करें , सबसे कैसे deal करें । कैसा व्यवहार सही व्यवहार कहलाएगा ।
इसके लिए यहाँ मुख्यतः दो लोगों का व्यवहार देखते हैं : हमारा व्यवहार और सामने वाले का व्यवहार - दोनो का आपसी व्यवहार होगा ।

चूँकि सभी का व्यवहार , स्वभाव से प्रेरित होता है । और सभी का स्वभाव अलग-अलग होता है । जिसका जैसा स्वभाव - उसका वैसा बर्ताव । इसका अर्थ यह हुआ कि सभी के साथ एक जैसी Strategy नहीं चलेगी । परन्तु हमारा भी अपना एक स्वभाव है जिससे प्रेरित हमारा व्यवहार है । और हमारे व्यवहार से हमारा जीवन प्रभावित होता है ।

इसका अर्थ यह नहीं , कि अलग-अलग लोगों से व्यवहार करने के लिए हम अपना व्यवहार भी बार-बार बदलें । बदल ही नहीं सकते मूल स्वभाव अपना प्रभाव दिखाता ही है । परन्तु हम बात करने का तरीका बदल सकते हैं , लहजा बदल सकते हैं , भाषा बदल सकते हैं ।
जैसे - बड़ों से व्यवहार करते समय विनम्र होना , दोस्तों के साथ मजाकिया होना आदि ।
कहने का मतलब है - हमेशा एक कड़क या hard व्यवहार करना जरूरी नहीं , थोड़ा flexible होइए ।
और हाँ ज्यादा soft-sweet बनना भी ठीक नहीं ,  थोड़ा-बहुत कड़ा व्यवहार भी कभी-कभी जरूरी होता है ।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि हमें समय , परिस्थिति और व्यक्ति के हिसाब से अपना व्यवहार चुनना चाहिए ।

एक प्रश्न और उठता है - हम सामने वाले व्यक्ति के स्वभाव के बारे में कैसे जानेंगे ?
यदि वह सामने मीठी-मीठी बातें करने वाला और पीठ पीछे बुराई करने वाला हुआ तो हम उसे अच्छा समझेंगे ? अथवा सामने से कठोर परन्तु हमारा हित चाहने वाले को बुरा मानेंगे !

हमारा स्वभाव हमें मालूम है परन्तु सामने वाले का स्वभाव कैसे मालूम करें-
> पहनावे और दिखावे से : हो सकता है कि लुक से कुछ interpret कर लिया जाए परन्तु यह तरीका एकदम सटीक नहीं होगा ।

> बातचीत से : कुछ हद तक ये तरीका कारगर है लेकिन बातें बनाने वाला इंसान हमें बेवकूफ भी बना सकता है ।

> किसी से पूछकर : लोग सही जानकारी भी दे सकते हैं और गलत भी ।

> स्वयं से : बिल्कुल नहीं । खुद से ही किसी के बारे में पूर्वधारणा बना लेना गलत है । हम भगवान नहीं हैं,अंतर्यामी तो बिल्कुल भी नहीं ।

> अनुभव से : कहते हैं , बाहर से इंसान कुछ भी बोले लेकिन आँखे सब सही बता देती हैं ये बात भगवान जानें लेकिन एक कहावत और भी है - खाट पर और पाट पर * यानि खाते समय व सोते समय व्यक्ति के सब गुण प्रकट हो जाते हैं । यह भी अंदाजा लगाने के लिए पर्याप्त है ।

> आचरण से : व्यक्ति का आचरण सब कह देता है । उसके बोलने की आवश्यकता नहीं रहती । इसलिए किसी को कुछ समझाना हो तो उसे उपदेश देने से अच्छा , वह बात अपने आचरण में लाइए ।

अतः किसी का स्वभाव या चरित्र केवल उसके आचरण व कर्मों से ही आंका जा सकता है ।

अंततः यही समझा जा सकता है कि एक अच्छी सामाजिक छवि के लिए जरूरी है सभी के साथ सही व्यवहार करना और सही व्यवहार अर्थात् किसी व्यक्ति विशेष के साथ जैसा उचित हो वैसा व्यवहार करना । तथा उचित व्यवहार के लिए जरूरी है उस व्यक्ति का मूल स्वभाव पता होना , उसे जानना ।

ध्यान रखिए , हम भले ये समझते हैं कि हम इसको अच्छे से समझते हैं , उसको अच्छे से जानते हैं परन्तु ऐसा नहीं है । एक-दूसरे के विषय में गलत धारणा बना लेने के कारण आपसी मनमुटाव जन्म लेते हैं । किसी के एकाध व्यवहार से हम उसकी पूरी तस्वीर बना लेते हैं लेकिन फिर बाद में मालूम चलता है कि इसके बारे में हमने कितना गलत समझा था ।
हितोपदेश की कथाओं में आता है - कोई व्यक्ति अपना मूल स्वभाव कभी नहीं छोड़ता , यदि एक मनुष्य दुष्ट है तो वह हमेशा दुष्टता ही दिखाएगा , चाहे वह वाणी से कितना भी मधुर बोले । फिर भी , चमत्कार की दुनिया में हम आशा रखते हैं कि यदि कोई चाहे तो अपना मूल स्वभाव भी बदल सकता है ।

लेकिन , यदि हमें किसी का मूल स्वभाव नहीं मालूम हो तो उसके प्रत्यक्ष व्यवहार के अनुसार ही व्यवहार करना चाहिए ।

क्योंकि , जो दिखता है - वो बिकता है । इस तर्ज पर तो जो जैसा व्यवहार हमसे करेगा , वैसा ही व्यवहार हम उससे करेंगे ।
फिर भी , हमारी कोशिश यही रहनी चाहिए कि सबके साथ , जिससे भी हम मिलें हमारा व्यवहार अच्छा और हो सके तो सकारात्मक प्रभाव वाला हो । लोग हमारे व्यवहार से प्रेरणा पाएँ और हमारा बर्ताव उनके मन में एक अमिट छाप छोड़ सकें ।
धर्मग्रंथों में कहा गया है कि हमारे द्वारा किसी का तिरस्कार न हो और न ही किसी को कठोर शब्द बोलें जाएँ , न किसीको दुख पहुँचे । लेकिन आजकल इस 'ego' के कारण हम एक-दूसरे को बस नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं । हम विनम्रता की मूर्ति नहीं बन सकते पर थोड़ा नर्म व्यवहार तो अपना ही सकते हैं ।

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3 comments

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Unknown
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December 13, 2016 at 1:30 AM delete

रितिक जी,
सबसे पहले मै आपको धन्यवाद कहना चाहुंगा क्योंकि अपने जो पोस्ट शेयर किये हैं वो बहुतहि सुन्दर है !
हिंदी भाषा के प्रति आपकी रूचि से मैं बहुत हि प्रभावित हुआ हूँ, मई ये यक़ीनन कह सकता हु कि हिंदी भाषा के अलावा भी आपको दूसरे भाषाओ का ज्ञान है !
मैं बस आपसे इतना कहना चाहुंगा कि अपने जो भी पोस्ट शेयर किये है वो बहुत हि अच्छे और उपयोगी पोस्ट है , मैं लगभग आपके सभी पोस्ट को पढ़ लिया हु आशा करता हुकि इसीतरह से अच्छे पोस्ट भविष्य मै आप शेयर करोगी जिनका आनंद और लाभ मैं पढ़ कर उठा पाउँगा !
आखिरी में आपको एक बार और धन्यवाद कहना चाहुंगा ! :D :D :D

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Ritika Mourya
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December 21, 2016 at 8:37 PM delete

धन्यवाद,अच्छे लेख लिखने की हमारी कोशिश सदैव रहेगी ।

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Unknown
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August 12, 2021 at 8:30 AM delete

आपको यह जानकारी देने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद भगवान आप पर सदा कृपा बनाए रखें

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