संकल्प करना क्यों जरूरी है !

अपने आपको साबित करने के लिए , अपने अंदर छुपी हुई शक्तियों को बाहर लाने के लिए , हम क्या-क्या कर सकते हैं ये जानने के लाए संकल्प लेना बहुत जरूरी है ! जीवन में कुछ पाने की ठानना बहुत जरूरी है !
जीवन में न सिर्फ लक्ष्य होना आवश्यक है बल्कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए ढृढ़ संकल्प करना भी बहुत आवश्यक है क्योंकि कोई भी चीज हमसे सिर्फ इतनी दूर है कि हम उसे पाने की ठान लें -
संकल्प में बहुत ज्यादा शक्ति होती है एक बार यदि ठान लिया जाए तो सबकुछ संभव है , संकल्प से इस दुनिया में परिवर्तन आया है , गाँधी जी के संकल्प से भारत आजाद हुआ और कई महापुरूषों के पावन संकल्प से सारे देश का कल्याण हुआ ।
अपने हित के लिए संकल्प किया जाए तो भी अच्छा है लेकिन यदि यह व्यापक हो जिसमें सारे देश का कल्याण निहित हो तो ये इतिहास रचने वाला बन जाता है । संकल्प यदि सच्चे मन से किया गया हो तथा पूरी लगन से हम उसके प्रति समर्पित हों तो परिणाम जरूर अच्छा निकलता है ।

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" संकल्प " को " प्रण " भी कहा जा सकता है।
संकल्प= सम्+कल्प ; सम्= उसके अनुसार , कल्प = मन यानि किसी चीज को मन के अनुसार बनाना , जो आपने ठान लिया है उसे प्राप्त करके ही रहना संकल्प लेना कहलाता है। कुछ पवित्र संकल्प तो पूरी विधि विधान से धारण किए जाते हैं ।
"प्रण" शब्द " प्राण " से बना है मतलब प्रण तब लिया जाता है जब हम कोई चीज जी-जान लगाकर करना चाहते हों ।

पुराने समय में लोग बड़े-बड़े संकल्प-व्रत आदि लेते थे और इस तरह से कई बड़े-बड़े बदलाव भी होते थे ; आज भी लोग संकल्प लेते हैं कोई अमीर बनने का , कोई खूब नाम कमाने का , कोई देश और समाज की सेवा करने का ।
लेकिन अब संकल्प लेने वाले लोग कम हो गये हैं हममें से अधिकतर लोग तो होने दो जैसा हो रहा है , कभी तो कुछ बदलेगा , सबका अपना luck है , life तो enjoy करने के लिए है इतने Resolution लेकर परेशान क्यों होना - ऐसा मानते रहे हैं ।
यदि हम New Year में Resolutions ले भी लेते हैं तो अमल मे ला नहीं पाते , कभी कोई बहाना तो कभी कोई निकल ही आता है ।

दोस्तों , जब हम किसी लक्ष्य को पाने का संकल्प करते हैं और उसके प्रति समर्पित होते हैं तो फिर उससे जुड़े रास्ते हमें मिलने लगते हैं , अभी तक जो हमारी energy यूँ ही जा रही थी वो  उस लक्ष्य पर Focus होने लगती है और प्रकृति हमें लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करती है क्योंकि अब ये Clear हो चुका है कि हमें क्या चाहिए । धीरे-धीरे हम नियत लक्ष्य तक पहुँचने लगते हैं और यदि हमें असफलता भी मिले तो भी हम मंजिल के बहुत करीब होते हैं जहाँ से सफलता बस कुछ ही कदमों की दूरी पर होती है ।

देखिए , असफल होना बुरा नहीं है बुरा है - प्रयास न करना , पूरा न कर पाने के डर से कोई संकल्प ही न लेना जैसे- पाँव भीगने के खौफ से पानी में न उतरना लेकिन मोती तो बाहर वही लेकर आएगा जो पानी में उतरेगा ।
इसीलिए , एक बार आप भी संकल्प लीजिए और उसे पूरे मन से निभाइए , फिर देखिए जो भी काम अभी तक नहीं हो सके , अब जरूर पूरे होंगे ।
बिना लक्ष्य वाले , बिना संकल्प वाले और लक्ष्य-संकल्प युक्त जीवन में जमीन-आसमान की फर्क होगा क्योंकि अब आप focused हैं कुछ पाने के लिए ।
संकल्प करने से हमेशा फायदा ही होता है बस आपको उसे पूरी लगन से पूरा करना हो , प्रण न करने से प्रण करने में आपको कहीं ज्यादा लाभ होगा लेकिन आपका प्रण हमेशा सबके लिए कल्याणकारी होना चाहिए ।

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