दोस्तों ! हम कभी-कभी हम कुछ करते रहते हैं और किसी खास चीज को देखकर हमें कुछ
याद आ जाता है और फिर हम उन्ही यादों में खो जाते हैं जैसे, यदि हमने किसी बच्चे
को स्कूल जाते हुए देखा तो हमें भी अपना बचपन और स्कूल लाइफ याद आने लगती है ...
और हम उन यादों में खो जाते हैं ...
अक्सर पुरानी यादें हमारे मन में तब घूमने लगती हैं जब हमारा मन शांत और
एकाग्र रहता है जैसे सफ़र करते समय या बुक पढ़ते समय ...
हम जानते हैं कि अपना ये टाइम हम “अभी” का कुछ important सोचने में लगा सकते
हैं लेकिन हमारा मन बार-बार खो जाता है और बस सोचता रहता है |
दोस्तों ! मेरा कहना ये नहीं कि हम कभी कुछ पिछला सोचे ही नहीं, लेकिन बहुत
ज्यादा अतीत के बारे में सोचने से हम वर्तमान से कट जाते हैं |
ठीक ऐसा ही भविष्य के बारे में सोचने से भी होता है, हम भविष्य की चिंता करने
लगते हैं और वर्तमान के पल जी नहीं पाते ; ज्यादातर ऐसा ही होता है कि हम या तो past
के बारे में सोचते हैं या future के बारे में... बजाय present के !
दोस्तों ! भूत और भविष्य से सबक लेने वाली एक बात और है :
अपने देखा होगा कि, अक्सर हम किसी problem से इतने ज्यादा परेशान हो जाते हैं
कि डिप्रेशन तक में चले जाते हैं लेकिन जब हम उस समस्या से ऊपर उठकर और अपने आपको
थोडा ले जाकर सोचते हैं तो लगता अरे ! इतनी सी बात थी |
जैसे कि, 5 साल पहले आप जिस बात को लेकर इतनी चिंता कर रहे थे और तब आगे कि
जिंदगी मुश्किलों से भरी हुई दिख रही थी, आज उसके बारे में सोचेंगे तो आपको लगेगा
कि लाइफ में कोई न कोई रास्ता निकल ही आता है मैं बेकार में इतनी टेंशन ले रहा था
और यह भी मानेंगे कि उस वक्त फ्यूचर की चिंता करने से ज्यादा अच्छा था कि उस
problem को थोडा और अच्छे तरीके से हल करते |
और रही छोटी-छोटी डेली लाइफ कि प्रोब्लेम्स कि तो अब तक आप उन्हें भूल ही चुके
होंगे ... इसलिए “अभी की टेंशन” से बचने के लिए “यह भी गुजर जायेगा” का
मंत्र अपनाइए,
कुछ भी परेशानी हो – कैसा भी वक्त हो, आखिरकार गुजर जायेगा | असल में, “गुजर
जाना” भी वक्त का एक “गुण” है |
हम अतीत से सीख सकते हैं कि, Life में कैसा भी वक्त आया हम आगे बढ़ते चले गए और
यहाँ तक पहुँच गए, यदि कोई गलती हुई तो अपने मन कचोटने से अच्छा है कि अपने आप को
माफ़ कर दें और उससे सबक लें ;
वहीँ, भविष्य की चिंता करने से अच्छा है कि, जिस तरह से हम आज यहाँ तक पहुंचे
है उसी तरह आगे भी हर मुश्किल का सामना करते जायेंगे, जैसे हम अपने हाथ में टॉर्च
लेकर चलते हैं उसमे केवल थोडा-सा रास्ता ही दिखता है लेकिन हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते
चले जाते हैं वैसे-वैसे हमें आगे का रास्ता भी दिखता जाता है और इस तरह हमारी
journey पूरी हो जाती है |
इसीलिये Friends! हमें past और future के बारे में ज्यादा न सोचकर present पर
ध्यान देना चाहिए क्योकि यदि “वर्तमान सही” तो “अतीत” और “भविष्य” अपने आप सही हो
जायेंगे ,,, और वैसे भी केवल वर्तमान ही सच होता है, जिस पर हम कुछ कर सकते हैं न
कि भूत या भविष्य में ... |