ईश्वर की दया

मैंने भगवान से माँगी ' शक्ति ' 
मुझे मिली कठिनाइयाँ, हिम्मत बढ़ाने के लिए
मैंने भगवान से माँगी ' बुद्धि '
मुझे मिली उलझनें, सुलझाने के लिए
मैंने भगवान से माँगी ' समृद्धि '
मुझे मिली समझ, काम करने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' प्रेम '
मुझे मिले दुःखी लोग, मदद करने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' साहस '
मुझे मिले कष्ट, उबर पाने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' वरदान '
मुझे मिले अवसर, कोशिश करने के लिए
मैंने भगवान से माँगा ' धैर्य '
मुझे मिली संतुष्टि, शांत रहने के लिए । 

" वो मुझे नहीं मिला जो मैंने माँगा था,
मुझे वो मिला जो मुझे चाहिए था "

ईश्वर हर दिन व्यक्ति की इच्छा पूरी करता है
गलतियों की सजा और अच्छाई का पुरस्कार देता है ; यही ईश्वर की  दया है । 




This Poem is written by my sister " Ruchika Mourya "

8 Comments

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 01 अगस्त 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. बहुत सुंदर रचना 👌

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  3. बहुत सुन्दर सीख देती रचना...

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  4. यदि आप कहानियां भी लिख रहें है तो आप प्राची डिजिटल पब्लिकेशन द्वारा जल्द ही प्रकाशित होने वाली ई-बुक "पंखुड़ियाँ" (24 लेखक और 24 कहानियाँ) के लिए आमंत्रित है। यह ई-बुक अन्तराष्ट्रीय व राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्म पर ऑनलाईन बिक्री के लिए उपलब्ध कराई जायेगी। इस ई-बुक में आप लेखक की भूमिका के अतिरिक्त इस ई-बुक की आय के हिस्सेदार भी रहेंगे। हमें अपनी अप्रकाशित एवं मौलिक कहानी ई-मेल prachidigital5@gmail.com पर 31 अगस्त तक भेज सकतीं है। नियमों एवं पूरी जानकारी के लिए https://goo.gl/ZnmRkM पर विजिट करें।

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    1. आपके आमंत्रण के लिए धन्यवाद !

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